अहिलेका


ठोप

आज चित्रगुप्त सेवा समिति जनकपुरधामले आयोजना गरेको कवि गोष्ठीमा प्रशोधक मिडियाका प्रबन्ध निर्देशक अनिलकुमार कर्णले पाठ गरेको कविता ।

ठोप

कबुला क टीस द

तस्बिरकेँ धुजा धुजा क देलहुँ

ओहुना दशकक तस्बिर त रक्तरञ्जिते छल

बस एकरा हम सिनुरक ठोप कहैत छलहुँ

आ जँ कखनोकाल फफरी लागि जाइत छल

त पिठारक चानन

आ करिछाह भ जाइत छल मस्तकक तन्तु

त कारी टीकाक लेप

अहीँ छलहुँ ने नजरिगुजरिके बचएबाक लेल

सदति लगा दैत छलहुँ चानन, टिका आ लेप

आब हमर काया जखन रुग्न भ गेल

अधमरु चेतनाक

अहाँक मनौती सकारि लेल गेल

तखन बताह संवेदनाक सँग

एक टक भ निहारि रहल छी आइना

आब अहाँक ठोप, चानन आ लेप

टप टप खसैत अछि सोनित बनि

 

 


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